घर न रह पाऊँगी वन में संग चलूंगी स्वामी
घर न रह पाऊँगी वन में संग चलूंगी स्वामी
बिन बगिया के कोयल सूनी बिना पति के भ्याही सूनी
जोगन बन जाउंगी वन में संग चलूंगी स्वामी
घर न रह पाऊँगी वन में संग चलूंगी स्वामी
धनुष तोड़ के भ्याह के लाये फेरो पे स्वामी वचन भराये
भूल न मै पाऊँगी वन में संग चलूंगी स्वामी
घर न रह पाऊँगी वन में संग चलूंगी स्वामी
पति के चरणों में स्वर्ग बताया पतिव्रता का धरम बताया
धरम निभाऊंगी वन में संग चलूँगी स्वामी
घर न रह पाऊँगी वन में संग चलूंगी स्वामी
न मोये भावे महल अटारी वन में बायतु विपत तुम्हारी
न घबराऊँगी वन में संग चलूंगी स्वामी
घर न रह पाऊँगी वन में संग चलूंगी स्वामी
हरदम करू तुम्हारी सेवा पति की सेवा से पार हो खेवा
महल में दुःख पाऊँगी वन में संग चलूंगी स्वामी
घर न रह पाऊँगी वन में संग चलूंगी स्वामी