LYRICS
सुनो बजरंग बली राम को जानते हो कैसे
जानकी पूछती है ऐसे
लंका नगरी बसी दूर जैसे , कोई जाये न रावण के डर से
सुनो बजरंग बली , सागर को पार किय केसे
लंका में है असुरो की माया , कोई मानस पहुंचने न पाया
सुनो बजरंग बली आये राक्षश से कैसे बच के
राम नर है और एक तुम वानर, प्रभु कैसे मिले और कहा पर
सुनो बजरंग बली ,मुंदरी हाथो में ले आये कैसे
कहे बजरंग सुनो सीता माई , हम को वैन में मिले दोनों भाई सुनो सीता मैया
तुलसी को संत मिले जैसे , जनक पूछती हे ऐसे