LYRICS
कुटिआ के द्वारे लुटिया संवारे
बुढ़ापे में बैठी भली
की आए आज राम जू गली
की आए आज राम जुधनी
लुटिया के जल से चरण है पखारे
आसन बिछा के चौका में बैठारे
सबको निहारे आरती उतारे
कि झांकी अनोखी बनी
की आए आज राम जू गली
की आए आज राम जुधनी
कुटिआ के द्वारे लुटिया संवारे
बुढ़ापे में बैठी भली की आए आज राम जू गली
की आए आज राम जू गली
चुन चुन के बेर बेर प्रभु को खवाए
बेर बेर बेर ले प्रभु को खिलाई
बेरन ने मोह लइ सबरी के बस में भए सबरी की सबरी बनी
की आए आज राम जू गली
की आए आज राम जुधनी
बेर बेर राम जी ने लक्ष्मण को दीने
खाए न लक्ष्मण ने और फ़ेंक दीने
बेर बेर द्रोणागिरी पर्वत पे जा कर के बूटी संजीवन बनी
की आए आज राम जू गली
की आए आज राम जुधनी
नवधा भगती दइ
सबरी ने गाई नारी पुरुष समझे न भकती मोहे भाई
संतन की मुंदरी में सबरी नगीना बनी कि आए आज राम जू धनी