Pal do pal me kya hojaye pata nahi taqdeer ka lyrics
पल दो पल में क्या हो जाए
क्या खो जाए क्या पा जाए
पता नहीं तकदीर का माया और शरीर का
राजा दशरथ के चार पुत्र थे
चित्रकूट पर सब ने देखा
भेष बनाया फकीर का
माया और शरीर का
द्रोपदी जब दुष्टों ने घेरी
चीर खींची जब सब ने देखा
ढेर लगा या चीर का
माया और शरीर का
हरिश्चंद्र राजा बड़े खिलाड़ी
काशी में उन्हें सब ने देखा
घड़ा उठाया नीर का
पता नहीं तकदीर का