Kaha gayi re janki kutiya ke khule hai kiwad lyrics kusum chauhan bhajan lyrics in hindi

कहाँ गयी रे जानकी कुटिया के खुल्ले है किवाड़ -Lyrics 


Kaha gayi re janki kutiya ke khule hai kiwad lyrics kusum chauhan bhajan lyrics in hindi 


अरे कहां गई रे जानकी 

कुटिया के खुले हैं किवाड़


बता मेरे लक्ष्मण भाई 

छोडी अकेली सीता नार 

सिया बिन सुना मेरा 

होता है पूरा संसार 

जानकी किसने हर ली 

टोहू में बन के  जंगल झाड़

अरे कहां गई रे जानकी 

कुटिया के खुले हैं किवाड़


सिया बिन कोन्या जीयू 

सीता में बस्ते मेरे प्राण 

नार मेरी किस संकट में 

किसने चलाऊ अग्नि बान 

फेर बनवासी बन के किसने जगाई सोती राड

अरे कहां गई रे जानकी 

कुटिया के खुले हैं किवाड़


बनी के वृक्ष बता दो

कहा तो छुपाई मेरी नार 

जमी आकाश बता दो 

किसने सतायी मेरी नार 

अगर कोई दुश्मन हो तो 

मुझसे लो बदला लो लिकाड 

अरे कहां गई रे जानकी 

कुटिया के खुले हैं किवाड़


नार मेरी रोती होगी 

कहा तो चले गए मेरे राम 

सुबह से हुआ दुपहरा

अम्बर में ढलती आवे शाम 

खड़ा नागर भी रोव किस्पे लडाऊ अपने लाड


click here to get more 

kusum chauhan bhajan lyrics 

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *