मुझे माँ दुःख नहीं कोई
मगर अफ़सोस थोड़ा है
जिन्हे अपना समझ बैठे
उन्ही ने दिल को तोडा है
तेरी मर्जी यही है तो
मई है के सब दुःख सेह लुंगी
मुझे अपनी शरण लेलो
सभी ने साथ छोड़ा है
मुझे माँ दुःख नहीं कोई
मगर अफ़सोस थोड़ा है
मेरी कश्ती को अटकाया
ज़माने भर की लेहरो ने
मुझे मैया ये भंवरो ने
बीच में ही यूँ छोड़ा है
डुबोया है
मेरी नैया ना डूबे माँ
तू मांझी बन के आजा माँ
तेरी इस गम की दुनिया से
गमो से नाता जोड़ा है