धीरे चलो, मैं हारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी dheere chalo mai haari re laxman lyrics kusum chauhan

 धीरे चलो, मैं हारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी

 धीरे चलो, मैं हारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी।

धीरे चलो, मैं हारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी।


एक तो छूट गए मात पिता मेरे,

दूजे विपत की मारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी

धीरे चलो, मैं हारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी।


एक तो हमको भूख लगी है, 

प्यास लगी है हमें भारी रे लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी 

धीरे चलो, मैं हारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी।


एक तो वन में कांटे बहुत हैं,

इनमें इलज़ रही हैं सारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी।

धीरे चलो, मैं हारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी।



पथरीला है वन का रास्ता, 

 छाती फटे हमारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी।

धीरे चलो, मैं हारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी।


एक तो मैं महलों की रानी, ,

दूजे उम्र मेरी बारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी।

धीरे चलो, मैं हारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी।


एक तो वन में इकली भेजी,

दूजे पाँव मेरा भारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी।

धीरे चलो, मैं हारी रे, लक्ष्मण, धीरे चलो, मैं हारी।

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