उस मां से पूछ कैसे जन्म दिया और कैसे तुझको पाला है
उस मां से पूछ कैसे जन्म दिया
और कैसे तुझको पाला है
खुद भूखी रही तेरा पेट भरा
तेरे हर संकट को टाला है
उस माँ से पूंछ….
जरा याद करो उस बचपन को
जब रात में बेटा रोटा था
माँ सारी रात ना सोती थी
जब तू गोदी में सोता था
वो माँ दुनिया मै लाइ तुझे
और कोई ना लाने वाला है
उस माँ से पूंछ….
जब भी तू कभी बीमार पड़ा
तेरी माँ ने विपदा ठाई है
कभी मंदिर मेकभी मस्जिद में
हर चौखट पर वो रोई है
उस माँ की कदर कर है मूरख
कल तू भी रोने वाला है
उस मां से पूछ….
तुझे पाल पोस कर बड़ा किया
घरबार खेत खलियान दिया
जिसके बदले में है मानव
तूने माँ का अपमान किया
उस माँ के लिए दो रोटी नहीं
भंडारे कराने वाला है
उस मां से पूछ….
उस मां से बड़ा इस दुनिया में
सच मान कोई भगवान नहीं
अपनी मां की जिसने कदर ना की
शैतान है वो इंसान नहीं
माँ के आंसू के दरिया मै
सब कुछ बह जाने वाला है
उस मां से पूछ….