जब शरण गुरु की मिल जाएगी सब मुश्किल हल हो जाएगी
जब शरण गुरु की मिल जाएगी
सब मुश्किल हल हो जाएगी
मत घमंड करो तुम बेटी का
मेरी बेटी कितनी प्यारी है
ये भ्रम सभी मिट जाएगा
जब बेटी सास घर जाएगी
जब शरण गुरु की मिल जाएगी
सब मुश्किल हल हो जाएगी
मत घमंड करो तुम बेटो का
मेरे बेटे कितने लायक है
ये भ्रम सभी मिट जाएगा
जब बहुए घर में आएँगी
जब शरण गुरु की मिल जाएगी
सब मुश्किल हल हो जाएगी
मत घमंड करो तुम माया का
मेरे पास में कितनी माया है
ये भ्रम सभी मिट जाएगा
जब बेटो में बात जाएगी
जब शरण गुरु की मिल जाएगी
सब मुश्किल हल हो जाएगी
मत घमंड करो तुम कोठी का
मेरी कोठी सबसे न्यारी है
जब सांस आखिरी आएगी
ये कोठी यही रह जाएगी
जब शरण गुरु की मिल जाएगी
सब मुश्किल हल हो जाएगी
मत घमंड करो तुम काया का
मेरी सोने जैसी काया है
जल भुन कर तेरी काय की
दो मुठी राख रह जाएगी
जब शरण गुरु की मिल जाएगी
सब मुश्किल हल हो जाएगी
जब शरण गुरु की आओगे
तेरे हर बंधन खुल जाएंगे
तू शरणागति हो जाओगे
जो मुक्ति तुम्हे मिल जाएगी
जब शरण गुरु की मिल जाएगी
सब मुश्किल हल हो जाएगी