माँ बाप की बहुत दुलारी थी ससुराल में प्यार मिला ही नहीं
माँ बाप की बहुत दुलारी थी
ससुराल में प्यार मिला ही नहीं
मेने ससुर से घूंघट खोला नहीं
कुछ सास के आगे बोला नहीं
मै मम्मी मम्मी करती रही
पर सास ने बेटी माना नहीं
माँ बाप की बहुत दुलारी थी
ससुराल में प्यार मिला ही नहीं
मैंने जेठा का आदर बहुत किया
जिठनी से झगड़ा नहीं किया
मै दीदी दीदी करती रही
वो बहना करके बोली नहीं
माँ बाप की बहुत दुलारी थी
ससुराल में प्यार मिला ही नहीं
मैंने ननद से बहना सा प्यार किया
सखियों जैसा व्यवहार किया
मै बहना बहना करती रही
कभी भाभी करके बोली नहीं
माँ बाप की बहुत दुलारी थी
ससुराल में प्यार मिला ही नहीं
मैंने देवर को भाई मान लिया
मेने समय पे सारा काम किया
वो सीधे मुँह कभी बोला नहीं
कभी भाभी कहके बोला नहीं
माँ बाप की बहुत दुलारी थी
ससुराल में प्यार मिला ही नहीं