Jo bahuo ke gun gaati hai vo saasu mauj udaati hai lyrics

जो बहूओ के गुण गाती है
वह सासु मौज उडाती है
वह सासु मौज उडाती है
वह सासु मौज उडाती है
जो बहूओ के गुण गाती है
वह सासु मौज उडाती है

बिस्तर पर खाना गरम मिले
बिस्तर पर खाना गरम मिले
और चाय मिले उन्हें हाथों में
फिर चाय की चुस्की ले लेकर
वह मंद मंद मुस्काती है
जो बहूओ के गुण गाती है
वह सासु मौज उडाती है

बहु ऐसी है बहू वैसी है
बहु ऐसी है बहू वैसी है
और बहू नाम की माला जपे
बहु सुनकर खुश हो जाती है
सासू मैया के पेअर दबाती है
जो बहूओ के गुण गाती है
वह सासु मौज उडाती है

दिल में नफरत मुंह में फितरत
दिल में नफरत मुंह में फितरत
और प्यार से बहू बुलाती है
बहु उनको पहले खिलाती है
और बाद में खुद वो खाती है
जो बहूओ के गुण गाती है
वह सासु मौज उडाती है

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