मेरे दुःख के दिनों में वो बड़े काम आती है
जब कोई नहीं आता कालका माँ ही आती है
कोई याद करे उनको दुःख हल्का होता हैं
कोई भगति करे उनकी वो उनका होता है
ये बिन बोले दुःख को पहचान जाती है
ये इतनी बड़ी होकर तीनो से प्यार करे
अपने भगतो के संकट माँ पल में दूर करे
अपने भगतो का कहना माँ मान जाती है
मेरी नैया चलती है पतवार नहीं होती
किसी और चीज़ की मुझको दरकार नहीं होती
मैं डरती नहीं जग से कालका माँ ही बचाती है