तूने मुझे बुलाया भोलेनाथ जी
मैं कावड़ लेकर आया भोलेनाथ जी
ओ भोले नाथ जी मेरे विश्वनाथ जी ओ तारक नाथ जी
जो भी तेरे द्वारे आया
तुमने उसका भाग्य जगाया
बिन मुंह खोले और बिन मांगे 2
उसने सब कुछ पाया भोले नाथ जी
सारा जग है तेरा पुजारी
जपते हैं तुमको सब संसारी
सबकी नैया भवसागर से 2
पल में पार लगाया भोलेनाथ जी
मैं अज्ञानी मूर्ख प्राणी
करता था जग में मनमानी
मेरे मन में प्रभु भक्ति का 2
Bhajan potli
तुमने जोत जगाया भोले नाथ जी
दाता तेरे खेल निराले
क्या समझे हम दुनिया वाले
तेरी इस माया को जग में 2
भगत जान ना पाया भोले नाथ जी