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Om jay jagdish hare Aarti जानिए क्या है फायदे ?

🙏 ॐ जय जगदीश हरे आरती – संपूर्ण लिरिक्स, महत्व और लाभ

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🔹 भूमिका

“ॐ जय जगदीश हरे” आरती भगवान विष्णु को समर्पित है, जिन्हें सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में पूजा जाता है। यह आरती लगभग हर हिन्दू

पूजा में गाई जाती है, चाहे वह घर की हो या मंदिर की। इसकी मधुर धुन और भक्तिभाव से भरे बोल इसे विशेष बनाते हैं।

🔹 आरती के बोल (Om jay jagdish hare Lyrics in Hindi)

ॐ जय जगदीश हरे

स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त जनों के संकट दास जनों के संकट

क्षण में दूर करे

ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे

स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त ज़नो के संकट दास ज़नो के संकट

क्षण में दूर करे

ॐ जय जगदीश हरे

जो ध्यावे फल पावे दुःख बिन से मन का

स्वामी दुख बिन से मन का

सुख सम्पति घर आवे

सुख सम्पति घर आवे

कष्ट मिटे तन का

ॐ जय जगदीश हरे

मात पिता तुम मेरे

शरण गहूं किसकी

स्वामी शरण गहूं किसकी

तुम बिन और ना दूजा

तुम बिन और ना दूजा

आस करूँ जिसकी

ॐ जय जगदीश हरे

तुम पूरण परमात्मा

तुम अंतरियामी

स्वामी तुम अंतरियामी

पार ब्रह्म परमेश्वर

पार ब्रह्म परमेश्वर

तुम सबके स्वामी

ॐ जय जगदीश हरे

तुम करुणा के सागर

तुम पालन करता

स्वामी तुम पालन करता

मैं मूरख खलकामी

मैं सेवक तुम स्वामी

कृपा करो भर्ता

ॐ जय जगदीश हरे

तुम हो एक अगोचर

सबके प्राण पति

स्वामी सबके प्राण पति

किस विध मिलु दयामय

किस विध मिलु दयामय

तुम को मैं कुमति

ॐ जय जगदीश हरे

दीन बन्धु दुःख हर्ता

ठाकुर तुम मेरे

स्वामी रक्षक तुम मेरे

अपने हाथ उठाओ

अपनी शरण लगाओ

द्वार पड़ा तेरे

ॐ जय जगदीश हरे

विषय-विकार मिटाओ पाप हरो देवा

स्वामी पाप हरो देवा

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ

सन्तन की सेवा

ॐ जय जगदीश हरे

ओम जय जगदीश हरे

स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त ज़नो के संकट

दास ज़नो के संकट

क्षण में दूर करे

ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे

स्वामी जय जगदीश हरे

भक्त ज़नो के संकट

दास जनो के संकट

क्षण में दूर करे

ॐ जय जगदीश हरे

🌟 “Om Jai Jagdish Hare” के बारे में खास बातें:

  1. रचना और लेखक:
    • यह आरती श्री शांतकुमार जी मिश्रा द्वारा 19वीं सदी में रचित मानी जाती है।
    • इसकी भाषा सरल हिंदी और संस्कृत मिश्रण में है, जिससे आमजन भी आसानी से गा सकते हैं।
  2. किसे समर्पित है:
    • भगवान विष्णु (जगदीश) को समर्पित है, लेकिन इसे आम तौर पर किसी भी देवता की आरती के अंत में भी गाया जा सकता है।
  3. लोकप्रियता:
    • भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में हिन्दू मंदिरों में यह आरती रोज़ गाई जाती है।
    • कई फिल्मों और सीरियल्स में भी इसका उपयोग हुआ है, जैसे 1952 की फिल्म “Anand Math” में।
  4. संगीत और भाव:
    • इसकी धुन मधुर और भक्तिपूर्ण है, जो श्रद्धालु को आध्यात्मिक भाव में डुबो देती है।
    • इसमें भगवान से करुणा, रक्षा, और कृपा की प्रार्थना की जाती है।
  5. सामूहिक पूजा में उपयोग:
    • घरों, मंदिरों और विशेष आयोजनों (जैसे सत्यनारायण कथा, राम नवमी, जन्माष्टमी) में इसका सामूहिक गायन होता है।

🔹 आरती का महत्व

भगवान विष्णु की कृपा पाने हेतु सर्वोत्तम आरती।

पूजा, व्रत, जन्मदिन, विवाह, और त्योहारों में मुख्य आरती के रूप में गाई जाती है।

मानसिक शांति और परिवार में समृद्धि लाने वाली आरती।

🔹 नए तरीके की कृष्ण आरती जरूर सुने

🔹 कब और कैसे गाएं

कब: हर दिन संध्या आरती में, विशेषकर गुरुवार को।

कैसे: भगवान विष्णु या श्रीहरि की मूर्ति के सामने दीप जलाकर, घंटी बजाते हुए श्रद्धा से गाएं।

🔹 वीडियो/ऑडियो सुझाव

🎧 YouTube पर सुनें – ॐ जय जगदीश हरे आरती

🔹 निष्कर्ष

ॐ जय जगदीश हरे न केवल एक आरती है, बल्कि यह भक्तों की भावनाओं को भगवान तक पहुँचाने का एक माध्यम भी है। इसे नियमित रूप से गाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहती है।


🔹 यह भी जाने 

ॐ जय जगदीश हरे आरती PDF

jai jagdish hare full aarti lyrics

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