सचि कहे तोहरे आवन से हमरे अंगना में आयी बहार मैया
सचि कहे तोहरे आवन से हमरे
अंगना में आयी बहार मैया
आंबे भवानी दुर्गे महारनी
रूप है तेरे हज़ार मैया
सचि कहे तोहरे आवन से हमरे
अंगना में आयी बहार मैया
सचि कहे तोहरे आवन से हमरे
अंगना में आयी बहार मैया
आंबे की पूजा दुर्गे की सेवा
इसके सिवा मोहे भाये न दूजा
अब हमने जाना की तुम मेरी मैया
करती हो मेरा उद्धार माता
सचि कहे तोहरे आवन से हमरे
अंगना में आयी बहार मैया
ये मन है पापो का डेरा
जबसे हुआ मैया तेरा बसेरा
हालत सुधर गयी काया बदल गयी
अन्न धन से भरे भंडार मैया
सचि कहे तोहरे आवन से हमरे
अंगना में आयी बहार मैया
निष् दिन मैया हम तुमको पुकारे
पर्वत छोड़ मैया आजा हमरे द्वारे
आजा अंगनवा देदे दर्शनवा
गायंगे तेरा गुणगान मैया जी
सचि कहे तोहरे आवन से हमरे
अंगना में आयी बहार मैया