नाम कर दी मैंने अपनी जिन्दगानी
नाम कर दी मैंने अपनी जिन्दगानी
ओ मेरे शीश के दानी,
ओ मेरे शीश के दानी,
प्रीत मेरी भी सांवरिया,
है तूने पहचानी,
ओ मेरे शीश के दानी,
ओ मेरे शीश के दानी।
चाहत यही तुझे रोज़ संवारुं,
तुझको सजा के,
तुझे जी भर निहारुं,
हो गई आँखें मेरी सांवरिया,
तेरी दीवानी,
ओ मेरे शीश के दानी,
ओ मेरे शीश के दानी।
मुझको ये तेरा प्यार मिला है,
प्यार मिला दरबार मिला है,
ये तो किस्मत मैंने पाई,
तेरी मेहरबानी,
ओ मेरे शीश के दानी,
ओ मेरे शीश के दानी।
तेरी मैहर की पड़ी जो नज़र है,
तेरी नज़र का बाबा,
हुआ ये असर है,
दूर हो गई कुंदन जीवन में,
अब खींचातानी,
ओ मेरे शीश के दानी,
ओ मेरे शीश के दानी।