Ganga nah ke paap kate na bhajan lyrics
Ganga nah ke paap kate na chahe gote maar hazaar kusum chauhan bhajan lyrics
Ganga nah ke paap kate na chahe gote maar hazaar kusum chauhan bhajan lyrics
गंगा नाह के पाप कटे ना
चाहे गोते मारो हजार
अरे कोई कर्म चुके ना
सब देख रहा रे करतार
जगते तो बच जाएगा बंदे
पर मालिक देख रहा है
अरे अच्छे बुरे कर्म हो सारे
तेरे लिख लिख टेक रहा है
सारे कर्म तेरे सामने होंगे
जब जाएगा हरि के द्वार है
गंगा नाह के पाप कटे ना
चाहे गोते मारो हजार
कोई कर्म चुके ना सब देख रहा करतार
झूठ कपट तो भरा है मन में
तू मुख से राम है रटता
यह करने से मूर्ख प्राणी
तेरा कोई पाप ना घटता
साफ तेरा जो दिल ना होगा
तेरा होगा ना उद्धार
गंगा नाह के पाप कटे ना
चाहे गोते मारो हजार
रे कोई कर्म कर चुके ना
सब देख रहा करतार
तुझको वही मिलेगा बंदे
जो औरों को बाटेगा
जैसा बीज तू बोवे बंदे तू फसल वही काटेगा
सच की नैया पार उतर जा
जा डूब झूठ मझदार
रे कोई कर्म चुके ना
सब देख रहा रे करतार
गंगा नाह के पाप कटे ना
चाहे गोते मारो हजार
झूठ कपट को त्याग बावले
बस हरी में ध्यान लगा ले
गुरु ज्ञान तू लेकर बंदे जीवन को सफल बना ले
यहां आज मेरी मानव का या मिलती ना बारंबार
गंगा नाह के पाप कटे ना
चाहे गोते मारो हजार
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