RAM BHAJAN LYRIC IN HINDI
सीता के राम रखवाले थे
जब हरण हुआ तब कोई नहीं
जब हरण हुआ तब कोई नहीं
जब सिया चुरी तब कोई नहीं
सीता के राम रखवाले थे
द्रोपति के पांचो पांडव थे
हुआ चीरहरण तब कोई नहीं
दशरथ के चार दुलारे थे
जब प्राण तजे तब कोई नहीं
सीता के राम रखवाले थे
जब हरण हुआ तब कोई नहीं
रावण भी बड़े बलशाली थे
जब लंका जली तब कोई नहीं
श्री कृष्ण सुदर्शन धारी थे
जब तीर चुभा तब कोई नहीं
सीता के राम रखवाले थे
जब हरण हुआ तब कोई नहीं
लक्ष्मण भी भारी योद्धा थे
जब शक्ति लगी तब कोई नहीं
सरसैया पड़े पितामह थे
पीड़ा का साथी कोई नहीं
सीता के राम रखवाले थे
जब हरण हुआ तब कोई नहीं
अभिमन्यु राज दुलारे थे
फसे चक्रव्यू मैं तब कोई नहीं
सच है यह सुनो दुनिया वालो
संसार में अपना कोई नहीं
सीता के राम