Shiv bhajan lyrics in hindi
LYRICS
मेरी मान कही सुन पारवती फिर
रोवेगी पछतावेगी भोले संग भ्याह रचाएगी
भोला पर्वत को वासी है
तिरशूल बसा दायी काशी है
वहा पड़े जोर की ठण्ड
लली तू सुकड़ सुकड़ मर जावेगी
रोवेगी पछतावेगी
भोले संग भ्याह रचाएगी
वो तो अस्सी बरस को भूढो है
वाके सर पे बंध रहो जुडो है
वाके गले बुजंग सर्प लगे
तू देख देख दर जावेगी
भोले संग भ्याह रचाएगी
भांग धतूरे को भोग लगावे
सिलबट्टा तोपे चलवा वे
वो तो रहे नशे में तंग
लली तू घोट घोट मर जावेगी
भोले संग भ्याह रचाएगी