LYRICS
सांस में पढ़ी लिखी नारी
ना खेत काटने जाऊं
ना खेत काटने जाऊं
ना खेत काटने जाऊं
सांस में पढ़ी लिखी नारी
ना खेत काटने जाऊं
छोलू ईख लगे मेरे काटी
इब ना बैरण चले दराती
अरे मैं तो छोड़ छोड़ हारी
ना खेत काटने जाऊं
सांस में पढ़ी लिखी नारी
ना खेत काटने जाऊं
ना तेरे घर में गैस रसोई
लंका खींच खींच में रोई
पसुरिया दुखे मेरी सारी
ना खेत काटने जाऊं
सांस में पढ़ी लिखी नारी
ना खेत काटने जाऊं
ताने मारे सखी सहेली
पढ़ी लिखी मैं नार नवेली
सांस मेरी कैसी लाचारी
ना खेत काटने जाऊं
सांस में पढ़ी लिखी नारी
ना खेत काटने जाऊं
ना मानूंगी मैं विक्रम की
गैल रहूंगी मैं पूर्ण की
अरे vo तो नौकर सरकारी
ना खेत काटने जाऊं
सांस में पढ़ी लिखी नारी
ना खेत काटने जाऊं