LYRICS
जीवन में जी कर देख लिया
आराम तो है पर चैन नहीं
घर बार दिया परिवार दिया
घर में एक सुंदर नार दिए
सब देखकर मुझको बांध लिया
आराम तो है पर चैन नहीं
मुझे बेटा दिया और बेटी दैई
दाता ने रोटी दाल दयी
मुझे मोह ममता ने बांध लिया
आराम तो है पर चैन नही
सीता की सहेली लाखों थी
जब वन को गए तब कोई नहीं
वह खड़ी पुकारे उस वन में
मेरे चारों ओर अंधेरा है
जीवन में जी कर देख लिया
आराम तो है पर चैन नहीं
मेरी बीच भंवर में नैया है
प्रभु कोई न पार लगईया है
आ जाओ मेरे प्राण नाथ मेरी नैया पार लगा जाओ