LYRICS
मैया किसी गरीब की किस्मत संवार दे
दाती किसी गरीब की किस्मत संवार दे
गुलशन मेरा उजड़ गया तिनके भिखर गए
उजड़े हुए इस बाग़ में माँ आके बहार दो
मैया किसी गरीब की किस्मत संवार दे
मैं वो चिराग हु जिसमे रौशनी नहीं
ज्योति का नूर माँ मेरी मेरे हृदये उतार दो
इस मेरी जिंदगी में माँ कोई आसरा नहीं
अपने दर पे माँ मेरी किस्मत संवार दो
मैया किसी गरीब की किस्मत संवार दो
दासी हु तेरी दातिए तेरे दर की फ़कीर हु
धन माल मांगती नहीं माँ आके दीदार दो
मैया किसी गरीब की किस्मत संवार दे