LYRICS
कुर्बान क्यों ना जाऊं
दरबार है निराला
ठकुरानी राधा प्यारी
ठाकुर है नंदलाला
क्या खूब सज रही है
झूले में राधा रानी*2
झूला झूला रहे हैं
हंस हंस के नंदलाला
सखियों के संग दोनों
रास रचा रहे हैं
इत ओर राधा रानी
उत ओर नंदलाला
क्या पूछते हो हमसे
पहचान उनकी क्या है
सिर पे मुकुट है बांका
और बांका है नंदलाला