LYRICS
मोहन नाल
अंखियां लाईया अंखियां रस भरिया
ओ वाह वाह अंखियां रस भरिया
सोनियां अंखियां रस भरियां
किसे ने लईया विच जवानी
किसे ने लईया विच बुढ़ापे
मैं बचपन दे विच लईया
अंखियां रस भरिया
किसे ने लईया दूध पिला के
किसे ने लईया दही खवा के
मै माखन खवा के लईया
अंखियां रस भरिया
किसे ने लईया मां कोलो चोरी
किसे ने लईया जग कोलो चोरी
मैं सरे बजारे लईया
अंखियां रस भरियां
जिन अंखियां विच शाम है वसदा
शाम बिना औनू कुछ नई दिसदा
वृंदावन विच लईया
अंखियां रस भारियां