LYRICS
चुनरिया मेरी ऐसी रंगा दो रंगरेज
जो धोए से होय ना सफेद
एक पल्लू में भोले बाबा दूजे में हो पार्वती
तीजे पर हो ब्रह्मा विष्णु चौथे पर हो सरस्वती
बूढ़ा नादिया बैल सवारी घुंघट पर लिख दो गणेश
चुनरिया मेरी ऐसी रंगो रंगरेज
आसपास हो नदिया नाले
बीच समंदर धारा हो
गंगा यमुना सरजू हो या त्रिवेणीकी धारा हो
कमली वाले ऐसी रंग दो धोए से होय ना सफ़ेद
चुनरिया मेरी ऐसी रंगो रंगरेज
राधा हठीली छैल छबीली
रुक्मणी सत्यभामा प्यारी
शोले हजार 8 पटरानी
नख पे नाचे गिरधारी
अर्जुन रथ में ठाड़ो होवे
गीता को होय उपदेश
चुनरिया मेरी ऐसी रंगो रंगरेज
ऋषिकेश और लक्ष्मण झूला
हरिद्वार की झांकी हो
बद्रीनाथ केदार की होवे रामेश्वर की झांकी हो
मथुरा और वृंदावन होवे
बांके बिहारी सुख सेज
चुनरिया मेरी ऐसी रंगा दो रंगरेज
राम राज दरबार सिया का
हनुमान अंगद होवे
सारे देवता सारे तीरथ इस चुनरी के अंदर हो
उड़न हारी आस लगाए
उड़न हारी आस लगाए
जाऊं सांवरिया के देश
चुनरिया मेरी ऐसी रंगा दो रंगरेज